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ओरिजिनल लव पार्ट 6

"तेरा, दोस्त तो उसे दिन मंदिर नहीं आया था, फिर यह उसे कैसे पहचानेगा"? राधा ने संदेह से पूछा

"वह किसी और को ढूंढ रहा है"! धर्मेंद्र ने बताया

"किसे ढूंढ रहा है"? राधा ने पूछा

"तेरी होने वाली भाभी को"! धर्मेंद्र ने शर्माते हुए कहा

"अरे वाह,,रे होशियार, तू, तो लोमड़ी से भी चालाक है पर भाभी से पहले मैं मिलूंगी"! राधा ने अधिकार भाव से कहा

"पहले तू क्यों मिलेगी, ना जाने क्या-क्या, उल्टा-सुलता बताएगी, मेरे बारे में, वह ग्रेजुएट है और तू 12वीं फेल, बहुत दिमाग लगाकर बात करना पड़ेगी उस से"!धर्मेंद्र ने कहा

"लड़कियों से दिमाग से बात करेगा तो, बात ही करता रह जाएगा, दिल से बात करेगा, तभी बारात ले जा पाएगा"! राधा ने समझते हुए कहा

"अपनी फुटी अक्ल, अपने पास रख, फोकट ज्ञान मत बांट, मुझे सब आता है"! धर्मेंद्र ने कहा

"वहां मेरी सहेलियां खड़ी है, मैं उनसे बात करके आती हूं, चल तेरी भी दोस्ती कर दूंगी"! राधा ने शरारती भाव से कहा

"मैं जिंदगी में पहली बार, सुबह 5:00 बजे उठकर, ठंडे पानी से नहा कर, तेरी इन सेबड़ी, सहेलियों से मिलने नहीं आया हूं, अपनी कलेक्टरनी से मिलने आया हूं, मुझे नहीं आना, तू ही जा"! धर्मेंद्र ने स्पष्ट कहा

फिर राधा, अपनी सहेलियों से मिलने चली जाती है और धर्मेंद्र टहलता हुआ, वापस मंदिर के गेट के बाहर आ जाता है और इधर-उधर देखता है

मंदिर की सीढ़िया पर बहुत सारी चप्पल पड़ी है तो धर्मेंद्र विचार करता है -"लोग भगवान के मंदिर के सामने, चप्पल उतार देते हैं, किसी का पैर फिसल गया तो गिर जाएगा"!

इसीलिए वह अपने पैरों से उन चप्पल लोगों को साइड में करता है, तभी उसे, वही लड़की  उसी जगह पर देख लेती है और कहती है -"देख क्या रहा है, उठा ले, आज तो तु अपने साथ, बैग भी लेकर आया है, भर ले चप्पलों से बैग, "चप्पल चोर"! उस लड़की ने कहा

"तुम्हारा दिमाग तो कमजोर है ही, तुम्हारी नजर भी कमजोर है, आधा किलो बादाम लाकर, खा लो, तुम्हारे दिमाग और नजर की आधी कमजोरी, खत्म हो जाएगी"! धर्मेंद्र ने सुझाव देते हुए कहा

"तुम्हारी होशियारी और चोरी के ऊपर से, सीना जोरी करने की आदत, कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है, क्योंकि तुमने कभी पुलिस को डंडे नहीं खाए हैं, थोड़े डंडे खा लोगे तो ठीक हो जाओगे, इसीलिए मैं, तुम्हारी मदद कर देती हूँ ओर पुलिस को बुला लेती हूं"! उसे लड़की ने नंबर डायल करते हुए कहा

"पुलिस को बुला ले, आर्मी को बुला ले और तेरे पूरे खानदान को भी बुला ले, क्यों भैया,,,यह वही लड़की है, क्या"? राधा ने उस लड़की से फोन लेते हुए पूछा

"हां,,,,यह वही है"! धर्मेंद्र ने बताया

"तुम कौन हो"? उस लड़की ने राधा से पूछा

"मैं, इस सीधे-साधे, भोले भंडारी की खूंखार बहन राधा हूं और यह बताओ, तुम लड़की हो तो किसी को कुछ भी बोल दोगी, तुमने मेरे भाई को चप्पल चोर कहा और गालियां दी, तुझे हम चोर नजर आते है"! राधा ने पूछा

"हां,,, बिलकुल चोर जैसे ही लगते हो, तुम दोनों भाई-बहन, उसे दिन इस कहा था, अब तुम्हें भी कह देती हूं, "चप्पल चोर की बहन"! उस लड़की ने कहा कहा

"अरे,,,पागल, मेंटल लड़की, तेरे बाप से बोल, तेरा इलाज आगरा के पागलखाने में ले जाकर कराएं, सच कहूं तो तुझे, भगवान की दुआ की नहीं, डॉक्टर की दवा की जरूरत है, रोज सुबह-सुबह उठकर, यहां भगवान को परेशान करने आ जाती है और इज्जतदार लोगों पर झूठे इल्जाम लगाती है, तुझे शर्म नहीं आती"!राधा ने चिल्लाते हुए कहा

"तूने,,मुझे मेंटल,पागल कहा"! उस लड़की ने पूछा

"तेरा दिमाग तो खराब ही ही, कान भी खराब है क्या"? "हां,,,मैंने, तुझे पागल, मेंटल कहा है, एक बार ओर कहुं, पागल,,, मेंटंल"! राधा ने स्पष्ट कहा

तभी वहां कालू आ जाता है और राधा से कहता है -"राधा यही है, वो"!

"हां,,,मुझे पता है, यही वह पागल, मेंटल है, जिसे करंट के सको की बहुत जरूरत है"! राधा ने कहा

"पागल,,,मेंटल, करंट के झटके"! कालू ने सिर खुजाते हुए कहा

"ओ,,,,तो यह चांटा छाप, अगरबत्ती भी तुम्हारी गैंग में है, "चप्पल चोर गैंग" आज तुम्हारा भांडा फोड़ कर ही रहुंगी, पता नहीं, कितने लोगों के पांवो को अनाथ किया है, तुम तीनों ने मिलकर, में अभी अपने, दरोगा अंकल को फोन लगाती हूं और तुम तीनों की अक्ल ठिकाने लगवाती हूं"! उसे लड़की ने फोन लगाते हुए कहा

"हां,,,बुला ले, तेरे रिश्वतखोर, दरोगा अंकल को, मैं भी अपने मजिस्ट्रेट अंकल को बुला लेती हूं, अब यही ऑन द स्पॉट फैसला होगा"! राधा ने दृढ़ता से कहा

"अरे,,राधा बहन, क्यों अपने भाई की कब्र खोद रही है, तु इस लड़की को नहीं जानती है"! कालू ने समझाते हुए कहा

"यह क्या, कलेक्टरनी है, जो इसे जानुंगी और तू इसकी तरफ है या हमारी तरफ है"!राधा ने कालू को चांटा मारते हुए कहा

"धर्मेंद्र"! "तेरी बहन को चुप कर ले, नहीं तो तेरा बना बनाया, काम बिगड़ जाएगा, थोड़ा समझ, मेरे, कम अक्ल भाई"!कालू ने आंख मारते हुए इशारइशारा किया

"कुत्ते, मेरा दोस्त होकर, दुश्मन की तारीफ करता है, आज से तेरी-मेरी दोस्ती खत्म, गद्दार"!धर्मेंद्र ने भी उसे एक चांटा मारा

तुम तीनों मिलकर, मंदिर के सामने, अकेली लड़की को अनाप-शनाप बोल रहे हो, तुम्हें शर्म नहीं आती ओर धर्मेंद्र, तुम, इतने पढ़े- लिखे होकर भी गवार जैसी बातें कर रहे हो, तुम्हें, पता क्या है"? "मेरी सहेली के बारे में, तुम तीनों की गलतफहमियां, में अभी दूर कर देती हूं"! उस लड़की की सहेली ने कहा

"ओ,,मतलबी, खुदगर्ज, गद्दार दोस्त, चल निकल यहां से ओर आज के बाद अपनी शक्ल मत दिखाना"!धर्मेंद्र ने कालू से कहा

तभी चीड़ खाया, कालू गुस्से में धर्मेंद्र को पहली बार एक तमाचा मारता है

"तूने, अपने बचपन के दोस्त पर हाथ उठाया"! धर्मेंद्र ने गाल संभालते हुए पूछा

"तुने काम तो लात खाने जैसा किया है शुक्र मना, लात नहीं मारी, कब से समझा रहा हूं, समझ नहीं आ रहा है, यही लड़की, तेरी कलेक्टरनी है, इसी से तेरे रिश्ते की बात चल रही है"!

कालू की यह बात सुनकर वहां मौजूद धर्मेंद्र, राधा, गरिमा और उसकी सहेली हक्के-बक्के रह जाते हैं और चारों एक साथ रहते हैं

"क्या"?

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